एक भारत ऐसा भी
हमारी आत्मछवि (self image) क्या है? हम भारत को किस दृष्टि से देखते हैं? Popular media से बनती छवि कुछ अलग है, तो अलग अलग विचारधाराओं से जुड़े लोग भारत की पहचान के नाम पर अपनी अपनी अवधारणाओं (hypotheses) को स्थापित करने का प्रयास करते पाए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता में भारत है कैसा?
हमने भारत भ्रमण किया। गाँव देखे, पहाड़ देखे, जंगल देखे, रेगिस्तान देखे, संस्थाएँ भी देखी, बहुतेरे लोगों से मिले और हमें जो दर्शन हुआ, उसे किस्से कहानियों के माध्यम से आपके समक्ष लेकर आ रहे हैं एक video series के रूप में, जिसका नाम है एक भारत ऐसा भी।
Ek Bharat Aisa Bhi Playlist :
गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं, जीवन की एक अवस्था है। जैसे बाल्यावस्था, किशोरावस्था, तरुणावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था को जीने की अपनी अपनी पद्धतियाँ हैं, वैसे ही गर्भावस्था को जीने की भी अपनी पद्धति है। पति पत्नी से माता पिता बनना एक अत्यंत सुखद एवं निजी अनुभूति है, इसके केन्द्रस्थान में परिवार होना चाहिए, अस्पताल नहीं, लेकिन संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण जो ज्ञान सबके लिए सहज हो गया था, वह आज दुर्लभ हो गया है और छोटी छोटी बातों के लिए लोग अस्पतालों में दौड़ने लगे हैं, जिससे शरीर के उपर हानिकारक दवाइयों का आक्रमण होता है, आर्थिक रूप से घाटा भी होता है और जो तनाव होता है, सो अलग से।
हम यहाँ ऐसी महिलाओं की कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी गर्भावस्था बिना किसी दवाई के केवल योग्य आहार विहार के आधार से बिताई हो, बिना पेट काटके (normal delivery से) अपने बच्चे को जन्म भी दिया हो और बच्चा स्वस्थ भी हो।
हम यहाँ आपको कोई नुस्खे नहीं बता रहे हैं, सबका शरीर अलग होता है, सबकी प्रकृति अलग होती है और उसीके अनुसार सबके लिए उपचार व उपाय भी अलग हो सकता है, अत: यहाँ बताई जाने वाली किसी भी विधि को जानकार चिकित्सक के परामर्श के बिना अपने उपर ना प्रयोग करें।
हमारा आशय आपको भरोसा दिलाने का है, आपकी हिंमत बढ़ाने का है कि संपूर्ण प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म देना संभव है, उसके लिए आपको चाहिए थोड़ी सी हिंमत, घर में बुजुर्गों का साथ, आहार विहार में अनुशासन और थोड़ी सी समझ।
एक आनंदयुक्त दिव्य गर्भावस्था की अनुभूति के लिए आप सबको अग्रिम शुभकामनाएँ।